जीवन
कुछ चीजें जो बढ़ सकती है और उसमे कई गुना तक बदलाव होता है, उसे जीवन माना जाता है। हम जीवन की कई किस्मों से घिरे हुए है, लेकिन उनमें से मानव जीवन इन सबमें प्रमुख और सबसे अधिक गुणों वाला है। इस ग्रह पर मनुष्य में अन्य जीवन को प्रभावित करने की शक्ति है। जो कुछ आज, अभी और इस क्षण है - वह जीवन का सच है और बाकी सब मित्थ्या है।
सफलता
सफलता एक ऐसी चीज है जिसे हम अपने जीवन के लक्ष्य प्राप्ति के रूप में परिभाषित करते है। सफलता वह चीज है, जो जीवन में हम पाना चाहते है। असली सफलता केवल अच्छे काम करने में है और बुरे कामों में कोई सफलता नहीं होती है। हमें अपने सपने साकार करने के लिए कड़ी मेहनत और अपने समय का सही उपयोग करने की जरूरत है।
प्रेरणा का शाब्दिक अर्थ मन में उत्पन्न भाव विचार या फिर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए काम में लग जाना होता है। इसका अर्थ है इंसान के भीतर की इच्छा, चाहतों, और जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें काम करने के लिए प्रेरित करने की प्रक्रिया है। प्रेरणा किसी खास आंतरिक कारक या अवस्था को कहते हैं, जो किसी क्रिया को प्रारम्भ करती है तथा उसे जारी रखती है।
आदत
आदत किसी प्राणी के उस व्यवहार को कहते हैं, जो बिना अधिक सोच के बार-बार दोहराया जाये। मानवों में धूम्रपान एक आदत का उदाहरण है। अच्छी आदतें जीवन को बेहतर और सफल बनाने के लिए बहुत आवश्यक होती है। यह केवल उनके लिए फायदेमंद नही होता जो इनका पालन करते है। बल्कि ये आपके आस-पास दूसरे लोगों के लिए भी बहुत अच्छा होता है।
सामान्य ज्ञान
सामान्य ज्ञान विभिन्न मनोवैज्ञानिकों द्वारा परिभाषित किया गया है, जिसके अनुसार सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ज्ञान जो गैर विशेषज्ञ मीडिया की एक श्रृंखला द्वारा आता है समान्य ज्ञान होता है। विभिन्न शब्दकोशों के अनुसार वो "ज्ञान जो सभी के लिए उपलब्ध है" वो सामान्य ज्ञान है। सामान्य ज्ञान में इसलिए एक विस्तृत श्रृंखला के ज्ञान विषय शामिल होते हैं।
विशेष कलाकार
रबीन्द्रनाथ टैगोर
कविरबीन्द्रनाथ टैगोर (७ मई, १८६१ – ७ अगस्त, १९४१) - विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के नोबल पुरस्कार विजेता हैं। उन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान 'जन गण मन' और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान 'आमार सोनार बांङ्ला' गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं।